Break-up poem in Hindi
कब तक याद करेगा तू उसे
कब तक रोता रहेगा तू
कब तक निंद से जागेगा तू
कब तक करता रहेगा फरियाद तू
भगवान मेरे साथ ही ऐसा क्यूं ?
भूल जा अब तू भी उसे।
माना की तुजे वो प्यारा था
प्यारा तो फूल भी होता है पौधों को
प्यारा तो फल भी होता है पेड़ को
प्यारा तो थियेटर का हीरो भी है
प्यारा तो पूनम का चांद भी है
प्यारा तो बचपन भी है
भूल जा अब तू भी उसे।
माना की तुने सपने सजाए थे उनके
सपने तो चांद के भी पूरे नही हुए
सपने तो सूरज के भी पूरे नही हुए
तु तो इन्सान है सब्र करना शिख ले
भूल जा अब तू भी उसे।
माना की बहोत तड़पाया तुजे उसने
माना की छोड़कर चला गया वो तुजे
माना की भूल गया वो तुजे
माना की तुजे विश्वास था उसपे
मान ले तू अंधविश्वास समझ के
भूल जा अब तू भी उसे।
माना की तू अकेला हो गया
अकेले रहने की आदत डाल लें तु
माना की तू सच्चा था
ऊपरवाला करेगा न्याय उसका
तू न कर न्याय उसका
भूल जा अब तू भी उसे।
सोचता है तू लोग क्या सोचेंगे ?
सोचता है तू लोग हसेगे
सोचते रह जाए जो भी देखे तुजे
काम कर दिखा तू ऐसा
भूल गया वो पछताए।
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