मेरी मां (हिन्दी कविता)/Hindi Poem For Mother
पर लिखी हैं आज कविता
दिल ने लिखी है,
दिल की धड़कन के लिए दिल से कविता
छुपकर पढ़ रही थी कलम कविता,
फिर किया झगड़ा दिल से
कहां मैंने लिखी है कोरे कागज़ पे,
फिर तूने झूठ क्यों कहा?
क्या शिर्षक है तेरी कविता का?
किसके लिए लिखी है तूने?
दिल ने मुस्कुराते हुए कहा,
जिसके आगे झुकता है सिर,
वो ही शीर्षक है मेरी कविता का
जैसे तू है कोरे कागज के बिना अधूरा,
मेरी इजाजत के बिना अधूरा है तू भी।
दुनिया के लिए चाहे हो कोई आम आदमी,
उसके लिए है औलाद खास आदमी।
नहीं है वो कोई सेलिब्रिटी,
पर देती है वो सेलिब्रिटी को जन्म।
हजारों माइल दूर हो चाहे औलाद,
उसकी एक स्माइल पर ही खुश वो औरत।
दुनिया के लिए नाकामयाब इंसान भी,
उसके लिए है नेक।
दुनिया के लिए असमान इंसान भी,
उसके लिए है सितारों से भरा आसमान।
एक तरफ पल्लू में रख दो हीरे-मोती
और दूसरी तरफ रख दो औलाद,
पल्लू झुकेगा औलाद की और,
उसके लिए है औलाद अनमोल रतन।
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