मेरे पापा (हिन्दी कविता)/Hindi Poem For Father
किसी ने पूछा मुझे
क्यूँ है तुझे तेरे पापा के लिए
इतना गुरूर ?
क्यूँ है तुझे तेरे पापा के लिए
इतना अभिमान ?
मैंने कहा मेरे पापा जूते की
तरह है
जो हमे कांटे से बचने की
पूरी गारंटी देता हैं
मैंने कहा मेरे पापा बच्चे की
तरह है
जिनकी और हर कोई
आकर्षित हो जाता है
मैंने कहा मेरे पापा बागबान
की तरह है
फूल हर रोज़ खिलता है,
हर दिन मुरझा जाता है
बागबान हर रोज़ पौधों को
नया जीवन देता है
मैंने कहा मेरे पापा फोटोफ्रेम
की उस फोटो की तरह है जो
फोटोफ्रेम चाहे हीरे की हो
चाहे मोती की हो
बिना फोटो के वो किसी के
काम की नहीं
मैंने कहा मेरे पापा डिब्बे के
ढक्कन की तरह है
जिसके बिना डिब्बा किसी
काम का नहीं
मैंने कहा मेरे पापा पेन की
रिफिल की तरह है
पेन चाहे सोने की हो चाहे
चाँदी की
बिना रिफिल के कोई काम
की नहीं
मैंने कहा मेरे पापा चन्नी
की तरह है
जो उपयोगी और बिनुपयोगी
चीज को अलग करती है
मैंने कहा मेरे पापा चिमटे की
तरह है जिनकी पकड़ पे हमें
पूरा विश्वास होता है
मैंने कहा मेरे पापा सीसिटिवी
की तरह है
जो हमे चारों और सुरक्षा प्रदान
करता है
मैंने कहा मेरे पापा एंटीवायरस
की तरह है
जो नकारात्मकता को हमसे
दूर रखता है
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